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जीर्ण सेठ की भावना
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मनुष्य के 303 भेद
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व्यवहार सम्यक्त्व के 67 बोल - श्रद्धान-4
प्रभावना और प्रभावक
श्राविका जयंती के भगवान महावीर से प्रश्न
कर्म और जीव का सम्बन्ध
जैन दर्शन और कर्म सिद्धान्त
चार अनुयोग
Who is Jain?
चउत्थभत्त-चतुर्थभक्त
जैन धर्म में अनशन तप के आगार
अनशन तप के भेद
जैन साधना में तप अनशन
अन्तराय-कर्म के बन्ध का कारण
उच्च गोत्र एवं नीच गोत्र के कर्म-बन्ध के कारण
नाम-कर्म के बन्ध के कारण
आयुष्य कर्म के बन्ध के कारण
मोहनीय कर्म के बन्ध के कारण
वेदनीय कर्म के बन्ध के कारण
दर्शनावरणीय कर्म के बन्ध के कारण
ज्ञानावरणीय कर्म और उसके बन्धन के कारण
कर्म की विभिन्न अवस्थाएँ
उदय और उदीरणा
तीर्थंकर और क्षत्रिय-कुल
तीर्थंकर का बल
श्रमण भगवान महावीर के ग्यारह गणधर
ज्ञान पंचमी तप
उत्तराध्ययन सूत्र-तीसरा अध्याय अष्टम गाथा
उत्तराध्ययन सूत्र तीसरा अध्याय प्रथम गाथा
सिद्ध होने की रीति
सिद्ध स्वरूप
सिद्धों के प्रकार, गुण एवं स्वरूप
जैन धर्म और कुलदेवी या कुलदेवता
निदान-आत्म कल्याण साधना में बाधक
आगम-अर्थ एवं विशेषताएँ
आगमो की संख्या
मृगावती साध्वी और आर्या चंदनबाला को केवलज्ञान प्राप्ति
आगम-संकलन हेतु वाचनाएँ
चण्डरुद्राचार्य की कथा
गजसुकुमाल की अन्तिम आराधना
जल के उपसर्ग में अर्णिकापुत्र आचार्य के समाधिमरण की कथा
जैन धर्म के अनुसार काल चक्र
एयस्स नवमस्स का पाठ (सामायिक समापन सूत्र)
शक्रस्तव (णमोत्थुणं) सूत्र सामायिक पाठ
लोगस्स (तीर्थकर स्तुति) सूत्र-सामायिक
कायोत्सर्ग शुद्धि-सूत्र सामायिक
आत्म-शुद्धि-सूत्र तस्स उत्तरी-करणेणं का पाठ सामायिक
इच्छाकारेणं संदिसह-सामायिक आलोचना सूत्र
गुरु-वन्दन-सूत्र, तिक्खुत्तो का पाठ
सामायिक-प्रतिज्ञासूत्र करेमि भंते
सामायिक प्रारम्भ कैसे?
सामायिक कब करें?
सामायिक की काल मर्यादा
सामायिक क्यों?
नमस्कार मंत्र और रंग
गुप्ति-मनोगुप्ति, वचन गुप्ति,काय गुप्ति
उच्चार प्रस्रवण खेल-जल्ल-सिंघाण परिष्ठापनिका समिति-पाँच समिति
आदान भाण्डमात्र निक्षेपणा समिति-पाँच समिति
एषणा समिति-पाँच समिति
भाषा समिति-पाँच समिति
ईर्या समिति-पाँच समिति
भगवान महावीर स्वामी का प्रथम एवं अंतिम उपसर्ग
तीर्थंकर जघन्य २० उत्कृष्ट १७०
नवकार अथवा णमोकार
अस्वाध्याय संबंधी जिज्ञासा
महाराज श्रेणिक और सत्यवादी चोर
अभयकुमार के जीवन प्रंसंग
पच्चीस बोल-चारित्र पाँच
पच्चीस बोल-चौबीसवें बोले भंग 49
पच्चीस बोल-तेईसवें बोले साधुजी के पाँच महाव्रत
पच्चीस बोल-बावीसवें बोले श्रावकजी के बारह व्रत
पच्चीस बोल-ईक्कीसवें बोले राशि दो
पच्चीस बोल-बीसवें बोले षटद्रव्यों के तीस भेद
पच्चीस बोल-उन्नीसवें बोले ध्यान चार
पच्चीस बोल-अठारहवें बोले दृष्टि तीन
पच्चीस बोल-सतरहवें बोले लेश्या छः
पच्चीस बोल-सोलहवें बोले दण्डक चौबीस
पच्चीस बोल-पन्द्रहवें बोले आत्मा आठ
पच्चीस बोल-चौदहवें बोले छोटी नवतत्व के 115 भेद
पच्चीस बोल-तेरहवें बोले मिथ्यात्व के दस भेद
पच्चीस बोल-बारहवें बोले पाँच इन्द्रियों के तेईस विषय और 240 विकार
पच्चीस बोल-ग्यारहवें बोले गुणस्थान चौदह
पच्चीस बोल-दसवें बोले कर्म आठ
पच्चीस बोल-नौवें बोले उपयोग बारह
पच्चीस बोल-आठवें बोले योग पन्द्रह
पच्चीस बोल-सातवें बोले शरीर पाँच
पच्चीस बोल-छठे बोले प्राण दस
पच्चीस बोल-पाँचवें बोले पर्याप्ति छः
पच्चीस बोल-चौथे बोले इन्द्रिय पाँच
पच्चीस बोल-तीसरे बोले काय छह
पच्चीस बोल - दूसरे बोले जाति पाँच
पच्चीस बोल-पहले बोले गति चार
कर्म-प्रकृति
आचार्य रक्षित की दूरदर्शिता का उदाहरण
आचार्य प्रभव की दूरदर्शिता का उदाहरण
आचार्य के बारे में जानने योग्य बाते
आचार्य के छत्तीस गुण
अरिहन्त भगवान बारह गुणों के धारक होते हैं।
अरिहंत वाणी के पेंतीस अतिशय
अरिहन्त के चौंतीस अतिशय
गौतमस्वामी की क्षमा
चौदह पूर्वो की रचना
'प्रवचन माता' किसे कहा गया है?
श्रुतज्ञान
अभिनियोधिक (मति) ज्ञान
अवधि ज्ञानावरणीय कर्म
मनःपर्याय ज्ञान
केवलज्ञानावरणीय कर्म
नवकार मंत्र प्रश्नोत्तर
महावीर का जन्म-महोत्सव
क्रिया
ज्ञानमग्नता
पूर्णता
कर्म का फल
चन्द्रावतंस - एक पराक्रमी राजा
पाँच महाव्रत
अहिंसा का पुजारी
वंदना
नमस्कार मंत्र की मौलिक विशेषताएँ
ग्रह और नवकार मंत्र
नवकार महामंत्र चैतन्य केन्द्रों पर
श्वास के साथ नवकार मन्त्र जाप
नवकार महामंत्र आराधना के विविध प्रकार
नवकार मन्त्र जप के प्रकार और विधि
नमस्कार महामंत्र का स्वरुप
नवकार मन्त्र
तीर्थंकर के ३४ अतिशय
श्वेताम्बर परंपरा में भगवान महावीर की पारिवारिक स्थिति
मेघकुमार की कहानी
सुकौशल मुनि की कथा
श्रेणिक राजा का दृष्टांत-विनय से तत्व की सिद्धि
सुदर्शन सेठ का सत्य शील
गजसुकुमार-अनुपम क्षमा
कामदेव श्रावक
भद्रिक भील का दृष्टांत
सम्प्रति मगध साम्राज्य अधिपति और चारित्र का चमत्कार
सिद्ध भगवान के 15 भेद
अभयकुमार-प्राण सबको प्यारे
भगवान महावीर के पूर्वभव
सामायिक ग्रहण करने की विधि
नमस्कार महामंगल सूत्र:
रात्रिभोजन न करने के वैज्ञानिक कारण
आचारांग सूत्र 1-2-1
राजप्रश्नीय 4-76
उत्तराध्ययन सूत्र 3-6
उत्तराध्ययन सूत्र 3-7
उत्तराध्ययन सूत्र 4-13
दशवैकालिक सूत्र 7-8
दशवैकालिक सूत्र 7-6
दशवैकालिक सूत्र 2-2
ज्ञाताधर्म कथा 1-5
उत्तराध्ययन सूत्र 21-14
उत्तराध्ययन सूत्र 3-7
उत्तराध्ययन सूत्र 13-63
उत्तराध्ययन सूत्र 14-17
उत्तराध्ययन सूत्र 10/3
उत्तराध्ययन सूत्र 18-33
उत्तराध्ययन सूत्र 3-12
उत्तराध्ययन सूत्र 23-68
उत्तराध्ययन सूत्र 23-25
उत्तराध्ययन सूत्र 13-16
उत्तराध्ययन सूत्र 32-16
उत्तराध्ययन सूत्र 6-2
आचारांग-सूत्र-1-2-5
विद्वानों के अनुसार जैन धर्म की प्राचीनता की सिद्धि
अंजनासुन्दरी
कलावती की कलाईयों का छेदन किया गया
चंदनबाला और मृगावती
राजीमती
नवकार
पूर्वभव में इलाचीकुमारने आलोचना न ली
उत्तराध्ययन सूत्र विनय श्रुत (१-४८)
अखिल भारतीय समग्र जैन संप्रदाय के साधू साध्वियो की तालिका, (सन २००४)
जुकाम एवं सिरदर्द का अचूक इलाज
कैसे तेजी से घटाएं अपना वज़न
तुलसी के पत्ते के फायदे
गुणकारी शहद और इसके लाभकारी प्रयोग
नेत्र व्यायाम और प्राकृतिक उपाय
सकारात्मक सोच
अमृत धारा के चमत्कारिक उपयोग
प्राकृतिक चिकित्सा में उपवास का महत्व
गरम पानी
दुश्मनी का बदला लेने का उत्तम मार्ग है सुंदर जीवन जीना