विशेष चौपाल

सुविचार
निवृत्ति ही धर्म है
सम्यकदृष्टि-सम्यक्त्व विमर्श
देवता के 198 भेद
देवता के 198 भेद
rajkumar jain 18/8/2024

दस भवनपति, पन्द्रह परमाधामी ( परमाधार्मिक), सोलह वाणव्यंतर, दस त्रिजृम्भक, दस ज्योतिषी, तीन किल्विषी, बारह देवलोक, नव लोकांतिक, नव ग्रैवेयक और पाँच अनुत्तर विमान - ये देवता के 99 भेद हैं, ये 99 पर्याप्त और 99 अपर्याप्त, इस प्रकार देवता के कुल 198 भेद हुए।

जैन चौपाल से

प्रभावना और प्रभावक
प्रभावना और प्रभावक

जैन धर्म की उन्नति एवं प्रचार के लिए प्रयत्न करना 'प्रभावना' है और जैन धर्म की उन्नति करने वाला प्रभावक कहलाता है।

श्राविका जयंती के  भगवान महावीर से प्रश्न
श्राविका जयंती के भगवान महावीर से प्रश्न

जयंती का पहला प्रश्न था जीव भारी और हल्का कैसे होता है?