क्षमा, संतोष, सरलता और नम्रता-ये चार धर्म के द्वार हैं।
चत्तारि धम्मदाराखंती, मुत्ती, अज्जवे, मद्दवे ।क्षमा, संतोष, सरलता और नम्रता - ये चार धर्म के द्वार हैं।श्री स्थानांग सूत्र