अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य, निःसंगता, गुरुभक्ति, तप और ज्ञान-ये पूजा के आठ फूल कहलाते हैं।
अहिंसा सत्यमस्तेयं, ब्रह्मचर्यमसङ्गता। गुरुभक्तिस्तपोज्ञानं, सत्पुष्पाणि प्रचक्षते।।अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य, निःसंगता, गुरुभक्ति, तप और ज्ञान-ये पूजा के आठ फूल कहलाते हैं।हरिभद्र-टीका
अहिंसा सत्यमस्तेयं, ब्रह्मचर्यमसङ्गता। गुरुभक्तिस्तपोज्ञानं, सत्पुष्पाणि प्रचक्षते।।
अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य, निःसंगता, गुरुभक्ति, तप और ज्ञान-ये पूजा के आठ फूल कहलाते हैं।हरिभद्र-टीका