व्यवहार सम्यक्त्व के 67 बोल भावना
जैन धर्म की उन्नति एवं प्रचार के लिए प्रयत्न करना 'प्रभावना' है और जैन धर्म की उन्नति करने वाला प्रभावक कहलाता है।
जयंती का पहला प्रश्न था जीव भारी और हल्का कैसे होता है?