ग्रह और नवकार मंत्र

प्रत्येक वार के अनुसार भाव, वातावरण, स्थान शुद्धि चित्त समाधि और शक्ति जागरण के लिए मंत्र जप

ग्रह और नवकार मंत्र

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ग्रह और नमस्कार मंत्र (navkar mantra) का भी सम्बन्ध है:

प्रत्येक वार के अनुसार भाव, वातावरण, स्थान शुद्धि चित्त समाधि और शक्ति जागरण के लिए नवकार मंत्र जप

(२१ बार प्रत्येक मंत्र बोलना)

रविवार - ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं ॐ ह्रीं श्रीं अर्हम श्री पद्मप्रभवे नमः मम सूर्य ग्रह शांति कुरु कुरु स्वाहा।
सोमवार - ऊँ ह्रीं णमो अरहंताणं ऊँ ह्रीं श्रीं अर्हम श्री चन्द्रप्रभवे नमः मम चन्द्र ग्रह शांति कुरु कुरु स्वाहा।
मंगलवार - ऊँ ह्रीं णमो सिद्धाणं ऊँ ह्रीं श्रीं अर्हम श्री वासुपूज्य स्वामिने नमः मम मंगल ग्रह शांति कुरु कुरु स्वाहा।
बुधवार - ऊँ ह्रीं णमो उवज्झायाणं ऊँ ह्रीं श्रीं अर्हम श्री शांतिनाथाय नमः मम बुध ग्रह शांति कुरु कुरु स्वाहा।
गुरुवार - ऊँ ह्रीं णमो आयरियाणं ऊँ ह्रीं श्रीं अर्हम श्री ऋषभनाथाय नमः मम गुरु ग्रह शांति कुरु कुरु स्वाहा।
शुक्रवार - ऊँ ह्रीं णमो अरहंताणं ऊँ ह्रीं श्रीं अर्हम श्री सुविधिनाथाय नमः मम शुक्र ग्रह शांति कुरु कुरु स्वाहा।
शनिवार - ऊँ ह्रीं णमो लोए सव्व साहुणं ऊँ ह्रीं श्रीं अर्हम श्री मुनिसुव्रत स्वामिने नमः मम शनि ग्रह शांति कुरु कुरु स्वाहा।

बने अर्हम पुस्तक (लेखक अलका सांखला) से साभार

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