हमेशा आराम करते समय सोते समय आपका सिर पूर्व या दक्षिण की दिशा मे रहे। सूर्य की दिशा मतलब पूर्व और पैर हमेशा पश्चिम की तरफ रहे और कोई मजबूरी आ जाए कोई भी मजबूरी के कारण आप सिर पूर्व की और नहीं कर सकते तो दक्षिण मे जरूर कर ले। तो आपका सिर या तो पूर्व दिशा या दक्षिण दिशा में होना चाहिए।
शांत निद्रा लेने की दृष्टि से पूर्व-पश्चिम दिशा, अर्थात पश्चिम दिशा में पैर करके सोना सबसे उत्तम है।
उत्तर मे सिर करके कभी न सोये। उत्तर की दिशा म्रत्यु की दिशा है सोने के लिए।
यदि आप सोते समय दक्षिण की ओर पांव कर के सोए हैं तो इसका मतलब है आप यमलोक की ओर जा रहे हैं।
दक्षिण की ओर पैर करके सोने पर चुम्बकीय धारा पैरों से प्रवेश करेगी है और सिर तक पहुंचेगी. इस चुंबकीय ऊर्जा से मानसिक तनाव बढ़ता है और सवेरे जगने पर मन भारी-भारी रहता है।
पृथ्वी में चुम्बकीय शक्ति होती है। इसमें दक्षिण से उत्तर की ओर लगातार चुंबकीय धारा प्रवाहित होती रहती है। जब हम दक्षिण की ओर सिर करके सोते हैं, तो यह ऊर्जा हमारे सिर ओर से प्रवेश करती है और पैरों की ओर से बाहर निकल जाती है। ऐसे में सुबह जगने पर लोगों को ताजगी और स्फूर्ति महसूस होती है।